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आदमपुर चुनाव में हार का बहाना बना रही कांग्रेस, देखें क्या दे रही तर्क

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adampur election : हिसार। आदमपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद अब कांग्रेसी अपने गणितीय फॉर्मूले के आधार पर हार की सफाई देने में लगे हैं। उनका मानना है कि इस गणितीय फॉर्मूले के हिसाब से आदमपुर में कांग्रेस पहले से ज्यादा मजबूत हुई। कुलदीप बिश्नोई के जाने से उनके केवल 11 हजार वोट ही कम हुए है। साथ ही हार का अंतर जो पहले 30 हजार था, वह अब कम होकर 15 हजार पर आ गया। इसलिए आदमपुर में कांग्रेस मजबूत हुई है।

भारी बहुमत से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी : दीपेंद्र 

दीपेंद्र हुड्डा (Dipender Huda) ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार को मिले 52000 मतों ने हरियाणा की राजनीतिक दीवार पर अंकित कर दिया कि 2024 में प्रदेश में भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। आदमपुर (Aadampur) हलके से चौधरी भजनलाल के परिवार के अलावा किसी भी पार्टी के किसी भी उम्मीदवार को आज तक विधानसभा चुनाव में उनके मुकाबले इतना वोट नहीं मिला।

2014 के मुकाबले अब कांगेस को पांच गुना वोट मिले

सांसद दीपेंद्र का कहना है कि पिछली बार 2014 में जब कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने कांग्रेस छोड़ी थी और भजनलाल परिवार के बिना कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था, तब कांग्रेस प्रत्याशी को 10 हजार वोट मिले थे, जो अब 5 गुना से भी अधिक बढक़र 52 हजार हो गए। इसके अलावा, जिस सीट पर 2019 में कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस के टिकट पर 30 हजार वोटों से विजयी हुए, उसी सीट पर भाजपा सरकार के दौरान हुए उपचुनाव में भाजपा के टिकट, जजपा के गठबंधन और सरकारी मशीनरी के साथ के बावजूद लोगों ने मार्जिन 15 हजार करके आइना दिखाया है।

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उन्होंने कहा कि गत लोकसभा चुनाव में भाजपा के बिजेंद्र सिंह, जजपा के दुष्यंत चौटाला और भव्य बिश्नोई (Bhavya Bishnoi) ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था और संसदीय चुनाव में तीनों के मिलाकर लगभग सवा लाख वोट पड़े थे। उन दावों की भी हवा निकल गयी। जो कुलदीप बिश्नोई ये सोचते थे कि उनके जाने के बाद आदमपुर में कांग्रेस खत्म हो जाएगी, उनको भी लोगों ने आइना दिखा दिया है। गत चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उनको 63 हजार वोट मिले थे। उनके जाने के बावजूद कांग्रेस के 11 हजार वोट ही कम हुए।

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान (Congress President Chaudhary Udaybhan) ने कहा है कि बेशक कांग्रेस कुछ अंतर से यह चुनाव हार गई है, लेकिन बिना भजनलाल (Bhajan Lal) परिवार 2014 के बाद दूसरी बार आदमपुर के रण में उतरी कांग्रेस ने अपने वोटों में 5 गुना की ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। इतना ही नहीं 2019 में कांग्रेस के टिकट पर लगभग 30 हजार वोटों के मार्जिन से जीतने वाले बिश्नोई परिवार की जीत का मार्जिन आज आधा हो गया है। बिना बिश्नोई परिवार के कांग्रेस उम्मीदवार को लगभग 52 हजार वोट हासिल हुईं। उन्होंने कहा कि साथ लगते हलके ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को दलितों के 11 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि आदमपुर में उससे लगभग 4 गुना ज्यादा 43 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं।